Karak in Hindi – भाषा विज्ञान में, वाक्यांशों के बनावटी हिस्से जिनसे किसी क्रिया या क्रिया के कर्ता के संबंध को सुझाया जाता है, उन्हें ‘कारक’ कहा जाता है। ये कारक वाक्य को समर्थन और स्पष्टता प्रदान करते हैं, और उनका सही प्रयोग करने से हम वाक्य का सार्थक अर्थ निकाल सकते हैं।
दोस्तो हिन्दी में सात कारक होते हैं- कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण और सम्बोधन।
Table of Contents
कारकों का महत्व:
- कर्ता (Subject):
- वाक्य में किसी क्रिया का कर्ता कौन है, यह बताता है।
- उदाहरण: “राम ने खाना खाया” – यहां “राम” कर्ता है।
- करण (Instrument):
- क्रिया को करने में कौन-कौन से उपकरणों का सहारा लिया गया, यह दिखाता है।
- उदाहरण: “मैंने कागज की कटौती की” – यहां “कागज” करण है।
- साधन (Means):
- क्रिया को करने में कौन-कौन से उपायों का उपयोग हुआ, यह दिखाता है।
- उदाहरण: “वह ट्रेन से गया” – यहां “ट्रेन” साधन है।
- संप्रेषक (Receiver):
- किसी क्रिया का प्राप्तकर्ता कौन है, यह बताता है।
- उदाहरण: “मैंने तुम्हें पत्र लिखा” – यहां “तुम्हें” संप्रेषक है।
- अपाधान (Location):
- किसी क्रिया का स्थान कहां है, यह दिखाता है।
- उदाहरण: “मैं उसके साथ पार्क गया” – यहां “पार्क” अपाधान है।
- बेनिफिशियरी (Beneficiary):
- किसी क्रिया का फायदा कौन उठा रहा है, यह दिखाता है।
- उदाहरण: “मैंने उसे एक उपहार दिया” – यहां “उसे” बेनिफिशियरी है।
- स्वामित्व (Possession):
- किसी वस्तु का संपूर्ण नियंत्रण किस पर है, यह दिखाता है।
- उदाहरण: “यह घड़ी मेरी है” – यहां “मेरी” स्वामित्व है।
कारकों का प्रयोग:
- वाक्य में सही कारक का चयन करना, वाक्य को सुधारता है।
- सही कारकों का प्रयोग करने से वाक्य स्पष्ट और प्रभावशाली होता है।
- कारकों का सही प्रयोग करके ही वाक्य का अर्थ सही होता है और भ्रांतियों से बचा जा सकता है।
इस प्रकार, कारकों का सही प्रयोग करना भाषा को और भी सुगम और समझदार बना देता है। यह सीखने वाले के लिए भी सरलतम रूप में विषय को समझने में मदद करता है और एक नए भाषा अध्ययन करने वाले के लिए भी अत्यंत उपयुक्त है। इसलिए, कारकों का ठीक से प्रयोग करना हमारी भाषा कौशल को निखारने में सहायक हो सकता है और वाक्यरचना को सुंदर बना सकता है।
karak ke bhed
क्रम | कारक | चिह्न | अर्थ |
1 | कर्ता | ने | काम करने वाला |
2 | कर्म | को | जिस पर काम का प्रभाव पड़े |
3 | करण | से, द्वारा | जिसके द्वारा कर्ता काम करें |
4 | सम्प्रदान | को,के लिए | जिसके लिए क्रिया की जाए |
5 | अपादान | से (अलग होना) | जिससे अलगाव हो |
6 | सम्बन्ध | का, की, के; ना, नी, ने; रा, री, रे | अन्य पदों से सम्बन्ध |
7 | अधिकरण | में,पर | क्रिया का आधार |
8 | संबोधन | हे! अरे! अजी! | किसी को पुकारना, बुलाना |
karak chinh | karak table
karak in sanskrit
मित्राणि, वाक्यस्य अन्यशब्दैः सह तस्य सम्बन्धस्य भावप्रदं संज्ञायाः प्रातिपदिकस्य वा रूपं, तत् कारक उच्यते ।
मित्रों, हिन्दी में आठ कारक हैं – कर्ता, कर्म, कर्ण, संप्रदान, आपदान, सम्बन्ध, अधिकार और सम्बोधन।
विभक्ति या परसर्ग – जिन प्रत्ययों से कारकों की शर्तों को समझा जाता है, उन्हें विभक्ति या परसर्ग कहते हैं।
karak in english
Friends, the form of a noun or pronoun that gives a sense of its relationship with other words of the sentence, is called a factor.
Friends, there are eight factors in Hindi – doer, karma, Karna, sampradaya, apadana, relation, authority, and address.
Vibhakti or Parasarg – The suffixes by which the conditions of the factors are understood are called inflection or parasang.
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