What Is APMC Act In Hindi इस एक्ट से किसानों को होने वाले लाभ और हानि के बारे जाने।

What Is APMC Act In Hindi दोस्तो आज हम आपको इस APMC Act से जुड़े सारी जानकारी   देने वाला  हु || भारत कृषि पर निर्भर 70% आबादी के साथ कृषि अर्थव्यवस्था है। वर्षों से हमने अपने कृषि उत्पादन में सुधार किया है जो एक वरदान रहा है। लेकिन विपणन अधिशेष के लिए एक बाजार खोजना और उचित मूल्य प्राप्त करना हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। यह वर्तमान समय में कृषि विपणन की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से इंगित करता है।

What is APMC Act ?

APMC Act के अनुसार किसानों द्वारा उगाए गए अनाजों को बेहतर मूल्य एवं व्यापार को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से पारित किया गया। लोकसभा में इस बिल को 17 सितंबर 2020 तथा राज्यसभा में 30 नवंबर 2020 को पारित किया गया। इस नियम के लागू होने से किसानों को अनेक प्रकार के फायदे होंगे। किंतु नए किसान बिल के आने से अनेक राज्यों के किसान किसान बिल विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

कृषि विपणन इतना महत्वपूर्ण क्यों है? Why is agricultural marketing so important?

  • उन्नत कृषि प्रथाओं के परिणामस्वरूप अधिशेष उत्पादन हुआ जिसने भारतीय कृषि के निर्वाह चेहरे को बदल दिया।
  • लगभग 33% खाद्यान्न, दालों, और लगभग सभी नकदी फसलों जैसे कपास, गन्ना, तिलहन, आदि के उत्पादन का विपणन किया जाता है क्योंकि वे किसानों की खपत की जरूरतों को पूरा करने के बाद अधिशेष रह जाते हैं।
  • चूंकि कृषि क्षेत्र अन्य उद्योगों में से कई के लिए कच्चे माल का उत्पादन करता है, ऐसे वाणिज्यिक उत्पादों का विपणन महत्व देता है।
  • विपणन तंत्र की क्षमता बढ़ने से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर उत्पादों का वितरण राष्ट्रीय आय पर सीधा असर पड़ेगा।
  • एक बेहतर विपणन प्रणाली मुख्य रूप से प्रसंस्करण के क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योगों की संख्या में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगी।

 

National Agriculture Market (NAM)

एकीकृत बाजार मंच की प्रेरणा राष्ट्रीय ई-मार्केट्स लिमिटेड (NeML), पूर्ववर्ती राष्ट्रीय कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) स्पॉट एक्सचेंज के साथ कर्नाटक राज्य कृषि विपणन बोर्ड की एक पहल, राष्ट्रीय ई-मार्केट सर्विसेज (ReMS) से मिल सकती है। ।

केंद्रीय बजट 2014-15 में घोषित NAM, एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है जो कृषि वस्तुओं के लिए एकीकृत राष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए मौजूदा APMC और अन्य मार्केट यार्ड को जोड़ने का प्रयास करता है।

 

Features of NAM:

  • एनएएम एक “आभासी” बाजार है लेकिन इसके पीछे के छोर पर एक भौतिक बाजार (मंडी) है
  • एनएएम राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से एकीकृत बाजार बनाता है और एकरूपता को बढ़ावा देता है।
  • NAM पोर्टल सभी APMC संबंधित सूचना और सेवाओं के लिए एकल-खिड़की सेवा प्रदान करता है।
  • जबकि कृषि उत्पादन का भौतिक प्रवाह मंडियों के माध्यम से होता है, एक ऑनलाइन बाजार लेनदेन लागत और सूचना विषमता को कम करता है।

APMC एक्ट से किसानों को होने वाले लाभ ओर हानि (What is APMC Act in Hindi)

मोदी सरकार के नेतृत्व में नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा प्रस्तावित नए किसान भील से किसानों को होने वाले फायदे निम्न है।

  • राज्यों के कृषि उत्पादन वितरण समिति के अधिकार में हानि नहीं होगी। इसलिए किसान सरकारी एजेंसियों में भी अपने फसल को बेच सकते हैं।
  • नए बिल के लागू होने से किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए दूसरे राज्यों के बाजार खुले रहेंगे।
  • अभी तक लागू किसान बिल के अनुसार किसानों को विभिन्न वस्तुओं पर एक से 10% तक बाजार शुल्क देना होता था। लेकिन नए किसान बिल को लागू करने से किसानों को किसी भी प्रकार का कर दे नहीं है।
  • किसानों को एपीएमसी टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा और ना ही किसी अन्य दस्तावेज की जरूरत होगी।
  • इस बिल से खरीदार और विक्रेता दोनों को लाभ होगा। अर्थात अब निजी कंपनियों एवं व्यापारियों को ही एपीएमसी टैक्स का भुगतान करना होगा।
  • नए किसान बिल के पारित होने से किसान अब बड़े व्यापारियों एवं निर्यातकों के साथ जुड़ पाएंगे जिससे उन्हें आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
  • इस बिल से बाजार में होने वाली अनिश्चितताओं के जोखिम किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा।

 

किसान बिल को लेकर आशंकाएं

अलग-अलग राज्यों के किसानों के मध्य सरकार द्वारा प्रस्तावित नए किसान बिल को लेकर अनेक प्रकार की आशंकाएं हैं। जिसको किसान अपने नुकसान अर्थात हानि के रूप में देख रहे हैं। नीचे हम इन्हीं आशंकाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं।

  • किसान संगठनों एवं विपक्षी पार्टियों का मत है, कि इस बिल के द्वारा नई मंडी के खुल जाने से सरकारी एजेंसियों की प्रोक्योरमेंट काफी कम हो जाएगी जिसके कारण किसानों के फसल पर निजी कंपनियां अपना अधिकार जमा लेंगे।
  • पंजाब एवं हरियाणा में उगने वाले चावल की पूरी उपज निजी कंपनियों पर निर्भर हो जाएगी।
  • किसानों को डर है, कि केंद्र द्वारा लागू किए गए इस बिल को भविष्य में अलग-अलग चरणों में समाप्त कर दिया जाएगा।
    अलग-अलग राज्यों को मिलने वाले राजस्व खत्म हो जाएंगे।
  • यह देखो के अनुसार खाद्य पदार्थों के भंडारण पर मौजूदा प्रतिबंधों को हटाया जाना है। ऐसी आशंका जताई जा रही है, कि बड़े किसान जमाखोरों का सहारा लेकर छोटे किसानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • सरकार के द्वारा जारी किए गए अध्यादेश अर्थात किसान बिल के पारित होने के कारण विपक्ष एवं किसान के मन में उठने वाली आशंकाएं के चलते राज्य के किसान नए किसान बिल का विरोध कर रहे हैं। जिसके कारण देश की राजधानी दिल्ली में तनाव जैसे माहौल बने हुए हैं।

 

निष्कर्ष – इन अधिनियमों के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधार किसानों और खेती के बदलते समय और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हैं। यदि उन्हें सही भावना में लागू किया जाता है, तो वे भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के परिवर्तन में प्रवेश करेंगे।

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