384 ipc in hindi | धारा 384 की पूरी जानकारी हिन्दी मे

384 ipc in hindi – आज हम धारा 384 की, पूरी जानकारी देंगे वो भी हिन्दी मे, आज हम आप के सारे doubts clear करेंगे इस blog post के माध्यम से

यह धारा उत्पीड़न के अपराध को परिभाषित करती है जब कोई बिना सहमति के सम्पत्ति की मांग करता है और उसकी मांग को मना करने पर धमकी देता है। जानिए इस धारा के प्रावधान और उससे जुड़े महत्वपूर्ण तत्वों की विस्तारपूर्ण जानकारी। साथ ही, कैसे बचा जा सकता है इस अपराध से, वह भी blog में।

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384 ipc in hindi

आईपीसी धारा 384 की परिभाषा

आईपीसी धारा 384 उत्पीड़न का अपराध को परिभाषित करती है। यह धारा विस्तार से यह बताती है कि कैसे उत्पीड़न अपराध होता है और उसके द्वारा किये जाने वाले कृत्य को कैसे दंडित किया जाता है। यहां धारा 384 की परिभाषा है:

धारा 384: उत्पीड़न (Extortion)

(1) जो कोई व्यक्ति किसी को बेहिसाब मुद्दई करने के लिए डरा कर, बाधित करके, या जबरदस्ती करके किसी से सम्पत्ति, मूल्यवर्धित सुरक्षा, या किसी मूल्ययुक्त चीज़ की मांग करता है तथा उस मांग को मना किया जाने पर, ऐसा करने की धमकी देता है, उसे ‘उत्पीड़क’ कहा जाएगा।

(2) जो कोई व्यक्ति उत्पीड़न का प्रयास करता है, वह उत्पीड़न के अनुष्ठान के लिए सात वर्ष तक की कैद या जुर्माने के साथ सजा काट सकता है।

(3) जो कोई व्यक्ति उत्पीड़न साफलता पूर्वक करता है, वह उस समय के लिए कैद या जुर्माने के साथ सजा काट सकता है जिसके लिए उत्पीड़न का प्रयास किया गया था।

इसमें बताया गया है कि उत्पीड़न का अपराध कैसे होता है और इसके द्वारा किए जाने वाले कृत्य का कैसे दंडित किया जाता है।

आईपीसी धारा 384: उत्पीड़न के बारे में सरल शब्दों में जानकारी

परिचय:

  • आपराध का नाम: उत्पीड़न
  • आईपीसी धारा: 384

परिभाषा:

  • इस धारा के अंतर्गत उत्पीड़न अपराध का परिभाषित है।
  • यह तब होता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी की सहमति के किसी से सम्पत्ति, मूल्यवर्धित सुरक्षा, या किसी मूल्ययुक्त चीज़ की मांग करता है और जब उसकी मांग को मना किया जाता है, तो धमकी देता है।

प्रमुख तत्व:

  1. मांग का कारण: कोई व्यक्ति बिना आपसी सहमति के किसी से सम्पत्ति या मूल्यवर्धित सुरक्षा की मांग करता है।
  2. मांग की असफलता: उसकी मांग को मना किया जाता है।
  3. धमकी और जबरदस्ती: उत्पीड़क धमकी या जबरदस्ती का साहस करता है ताकि मांग पूरी हो सके।

दण्ड:

  • यह तय हो सकता है कि अपराधिक व्यक्ति को कितने साल की कैद या कितना जुर्माना देना उचित होगा।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • इस धारा से सजाया जा सकता है जो भी व्यक्ति उत्पीड़न करता है।

संक्षेप:

  • धमकी और जबरदस्ती के साथ सम्पत्ति मांगना और उसकी मांग को मना करने पर यह अपराध हो जाता है।

नोट:

  • यहां दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान के उद्देश्य से है, और यदि आपको किसी विशिष्ट मामले में सहायता चाहिए तो कृपया किसी कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें।

ipc 384 punishment in hindi

आईपीसी धारा 384 के तहत उत्पीड़न के अपराध के लिए निर्दिष्ट दंड (Punishment) का विवरण निम्नलिखित है:

आईपीसी धारा 384 के अनुसार प्रतिपूर्ति:

  1. उत्पीड़न का प्रयास: जो कोई व्यक्ति उत्पीड़न का प्रयास करता है, उसे सात वर्ष तक की कैद या जुर्माने के साथ सजा हो सकती है।
  2. सफल उत्पीड़न: जो कोई व्यक्ति उत्पीड़न को सफलता पूर्वक करता है, उसे उस समय के लिए कैद या जुर्माने के साथ सजा काटनी पड़ सकती है जिसके लिए उत्पीड़न का प्रयास किया गया था।

धारा 384 के अंतर्गत, उत्पीड़न के अपराध के लिए यह दंड निर्धारित किया जाता है। यह साजिश और कठिनाइयों के खिलाफ एक प्रयुक्त साजागत दृष्टिकोण दर्शाता है।

384 आईपीसी अपराध से कैसे बचें:-

आईपीसी धारा 384 के अपराध से बचने के लिए निम्नलिखित कुछ सुझाव हैं:

  1. जागरूक रहें:
    • धारा 384 को समझें और इसकी परिभाषा से अच्छे से परिचित हों।
  2. धारा का पालन करें:
    • किसी भी व्यापार या व्यक्तिगत लेन-देन में सावधानी बरतें और किसी के धमकाने का शिकार न बनें।
  3. सबूत रखें:
    • किसी भी मुद्दे पर सबूतों का संग्रहण करें, जैसे कि संवाद, संदेश, और अन्य संबंधित आंकड़े।
  4. अदालत की सुरक्षा लें:
    • यदि आपको धमका मिलता है, तो तुरंत पुलिस और अदालत से सहायता प्राप्त करें।
  5. कानूनी सलाह लें:
    • किसी भी संदेहात्मक स्थिति में, कानूनी सलाह लेना हमेशा उचित है।
  6. सामाजिक सुरक्षा बढ़ाएं:
    • अपने आस-पास के लोगों से सहायता और समर्थन प्राप्त करें और अपनी सुरक्षा को मजबूती से बनाए रखें।

यह सुझाव सामान्य हैं, और आपको चाहिए तो किसी कानूनी विशेषज्ञ से सलाह लें।

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