Hindi matra chart – आज हम आप सभी के लिए Hindi matra chart ले कर आए हैं
हिंदी मात्राओं का अध्ययन बच्चों के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदी भाषा में मात्राएं वर्णों को पढ़ने और लिखने का तरीका सिखाती हैं। हिंदी मात्राएं कार्यात्मक होती हैं और वर्णों के अर्थ को स्पष्ट करने में मदद करती हैं।
हिंदी मात्राएं जैसे अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः आदि शब्दों के ध्वनि वर्णों को पढ़ने और लिखने के लिए उपयोगी होती हैं। इससे बच्चों का हिंदी भाषा में रुचि बढ़ती है और वे अधिक संवेदनशील बनते हैं। हिंदी मात्राएं सिखाने के लिए बच्चों को खेल-खेल में और रमणीय ढंग से सिखाना चाहिए।
आज हम, इस पोस्ट के द्वारा आप सभी को मात्राओ की पहचान कराएंगे ओर साथ साथ कुछ उदाहरण भी देंगे
इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप को अच्छे से मात्राओ का ज्ञान हो जाएगा
स्वर मात्राएँ शब्द
अ × कम
आ ा काम
इ ि किसलिए
ई ी खीर
उ ु गुलाब
ऊ ू भूल
ऋ ृ तृण
ए े केश
ऐ ै है
ओ ो चोर
औ ौ चौखट
अ वर्ण (स्वर) की कोई मात्रा नहीं होती। व्यंजनों का अपना स्वरूप निम्नलिखित हैं:
क् च् छ् ज् झ् त् थ् ध् आदि।
अ लगने पर व्यंजनों के नीचे का (हल) चिह्न हट जाता है। तब ये इस प्रकार लिखे जाते हैं:
क च छ ज झ त थ ध आदि।
Table of Contents
मात्राओं की पहचान
अ : अ की कोई मात्रा नहीं होती. लेकिन ऐसा नहीं है कि अ की ध्वनि व्यंजनों के साथ नहीं मिलाई जाती है. कि ध्वनि व्यंजनों के साथ मिलाई जाती है. क्योंकि जैसा की हमने आपको बताया है. इसकी ध्वनि पहले से ही व्यंजनों के साथ मिली हुई होती है. लेकिन अ शब्द की अलग से कोई मात्रा नहीं होती है. यानी कि इसका कोई भी निशान नहीं होता है. जिससे इसकी पहचान की जा सके कि यह किसी व्यंजन के साथ मिला हुआ है.
आ : ा , आ मात्रा एक डंडी के रूप में होती है. जो किसी भी अक्षरों के पीछे लगी हुई होती हैं. व्यंजन अक्षरों के बाद यदि एक सीधी ठंडी लगी हुई होती है तो वहां पर हम समझेंगे कि उस व्यंजन के साथ शब्द की मात्रा जुड़ी हुई है आ शब्द का अवसर मिला हुआ है वहां पर हम आ शहर को व्यंजन की धनि के साथ मिलाकर बोलेंगे.जैसे का
इ : ि, इ की मात्रा इस तरह से होगी और यह मात्रा हमेशा अक्षरों के आगे से लगी होती है. जैसे कि
ई : ी यह बड़ी ई की मात्रा होती है. वैसे तो यह छोटी इ की मात्रा के जैसी होती है लेकिन यह उससे उल्टी होती है और यह किसी भी अक्षर के पीछे लगी हुई होती है. जैसे की
उ : ुउ की मात्रा इस तरह से होती है पूरी है किसी भी शब्द के नीचे लगती है यह छोटे उ की मात्रा है जैसे हम इस तरह से इस मात्रा को लगाते हैं. कु
ऊ : ू ऊ की मात्रा इस तरह से लगती है और यह किसी भी शब्द के नीचे लगती है यह बड़े ऊ की मात्रा होती है यह बिल्कुल छोटे उ की मात्रा के जैसे होती है. लेकिन यह उल्टी साइड में लगती है. जैसे कू
ऋ : ृ ऋ की मात्रा इस तरह से होती है.और यह भी ओ की मात्रा की तरह है अक्षर के नीचे लगती है. यह अंग्रेजी के C शब्द के समान दिखाई देती है.जैसे कृ
ए : े ए की मात्रा इस तरह से होती है यह छोटी ए की मात्रा है. यह किसी भी अक्षर के ऊपर लगती है. जैसे लेकिन कई विद्यार्थी यह सोचते हैं कि ए के ऊपर कोई डंडी नहीं है तो इसकी मात्रा ऐसी क्यों है. के
ऐ : ै ऐ की मात्रा इस तरह से होती है. यह बड़े ऐ की मात्रा होती है. इसके ऊपर दो डंडी लगी हुई होती है. और यह भी अक्षरों के ऊपर लगती है. जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया था. कई विद्यार्थी यह सोचते हैं. कि छोटे ए की मात्रा के ऊपर एक भी ठंडी नहीं है. लेकिन छोटे एक ही मात्रा के ऊपर एक ठंडी लगेगी जबकि बड़े ऐ के ऊपर एक मात्रा होती है. और इसकी मात्रा किसी भी अक्षर के ऊपर जब लगती है. तो 2 डंडी लगती है. जैसे कै
ओ : ो ओ की मात्रा ऐसी होती है.ओ की मात्रा में एक ठंडी पीछे जैसे आ की मात्रा लगाते हैं. वैसे और एक डंडी उसके ऊपर जैसे छोटे एक ही मात्रा लगाते हैं फिर यह ओ की मात्रा बन जाएगी जैसे को
औ : ौ औ की मात्रा भी ओ की मात्रा के जैसे होती है लेकिन इसके ऊपर दो डंडी होती हैं. जैसे कौ
दो और ऐसी मात्राएं होती हैं जिनका इस्तेमाल किया जाता है लेकिन उनको स्वर में समावेश नहीं किया जाता क्योंकि वह अयोगवाह मात्राएं होती हैं अयोगवाह में दो अक्षर आते हैं अं अः यह दो शब्द अयोगवाह शब्द होते हैं.अं को अनुस्वार कहते हैं और अः को विसर्ग कहते हैं. विसर्ग की मात्रा प्राय संस्कृत शब्दों के साथ प्रयोग की जाती है और अनुस्वार की मात्रा किसी अक्षर के ऊपर किसी बिंदु के रूप में प्रयोग की जाती है
अं : ं अं की मात्रा कैसी होती है अं की मात्रा किस अक्षर के ऊपर एक बिंदु के रूप में प्रयोग की जाती है और जैसे कं
अः : ः अः की मात्रा ऐसी होती है और यह अक्षर के बाद प्रयोग की जाती है यह अक्सर के पीछे लगती है और यह दो बिंदुओं के रूप में अक्षर के पीछे लगती है. जैसे कः
hindi matra chart with words
स्वर | मात्रा | प्रयोग |
अ | उदासीन स्वर | कम |
आ | ा | राम |
इ | ि | लिख, |
ई | ी | भीम |
उ | ु | गुम |
ऊ | ू | खून |
ऋ | ृ | कृषि |
ए | े | खेत |
ऐ | ै | वैसा |
ओ | ो | बोल |
औ | ौ | कौआ |
अं | ां | गंगा |
अ: | ाः | अतः |
hindi varnamala matra chart
मात्रा | उदाहरण |
उदासीन स्वर | यह उदासीन स्वर है अथवा आप यह कह सकते हैं की अ एक उदासीन स्वर है और जब हम किसी शब्द में कोई मात्रा नहीं लगाते हैं तो वो उदासीन स्वर होता है – जैसे की कम, बम, वन |
ा | राम, आम, काम, |
ि | लिख, पित, मिट, |
ी | रीत, प्रीत, मीत |
ु | गुम, चुप, छुप |
ू | मून, दून, |
ृ | वृद्धि, वृचक, तृप्त |
े | रेत, सेठ, मेट |
ै | पैसा, कैसा, जैसा |
ो | मोल, ढोल, टोल |
ौ | औसत, नौबत, लौटा |
ां | अंत, संत, पंत |
ाः | स्वतः, अतः |
hindi matra chart for class 1
स्वरों की मात्राएँ
स्वर | मात्रा |
अ | – |
आ | ा |
इ | ि |
ई | ी |
उ | ु |
ऊ | ू |
ऋ | ृ |
ए | े |
ऐ | ै |
ओ | ो |
औ | ौ |
matra in Hindi chart
Martra Name | Sign/Matra | Where Is It Used? | Consonant Shapes Formed |
AA | (-T) | आ | क्+आ =का |
I | ि | इ | क्+इ = कि |
II | ( ◌ी ) | ई | क्+ई = की |
U | ( ◌ु) | उ | क्+उ = कु |
UU | (◌ू) | ऊ | क्+ऊ = कू |
VOCALIC R | (◌ृ) | ऋ | क्+ऋ = कृ |
E | ( ◌े) | ए | क्+ए =के |
CANDRA E | ( ॅ ) | ऍ | क्+ॅ= कॅ |
AI | (◌ै) | ऐ | क्+ऐ = कै |
O | (◌ो) | ओ | क्+ओ = को |
CANDRA O | ( ॉ ) | ऑ | क्+औ = कौ |
AU | (-◌ौ) | औ | क्+अं =कं |
hindi swar ki matra chart
ह्रस्व – इसके उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता हैं जैसे तालिका में देखें –
ह्रस्व स्वर एवं इनके मात्रा | इनके मात्रा से बनने वाले अक्षर |
अ | अनार , अमरुद , अमन, अगर , असम, अनाज , अफसर , अनसन, अपना , अरुण , अपमान इत्यादि । |
इ – ि | लिखना , पिता , मिटाना , मिनट , निकट इत्यादि । |
उ – ु | कुमार , खुशबू , गुम, सुजाता, सुनार इत्यादि । |
ऋ – ृ | पृथ्वी , कृति, मृत्यु , वृक्ष इत्यादि |
दीर्घ स्वर – इस स्वर का उच्चारण करते ह्रस्व स्वर से दुगुना समय लगता हैं जिसे तालिका के द्वारा समझते हैं –
दीर्घ स्वर एवं इनके मात्रा | इनके द्वारा बने अक्षर |
आ- ा | आनंद , आदत , आना , आसान , आवारा , आम, काम इत्यादि । |
ई – ी | सीता , रीत, प्रीत, गीत , पीपल , शीतल इत्यादि । |
ऊ – ू | सूरज, मूल , भूतत्व , भूगोल , इत्यादि । |
प्लुत – इस स्वर के मात्रा का उपयोग करने में ह्रस्व का तीन गुना समय लगता हैं जिसका उपयोग किसी को बुलाने तथा चिल्लाने में किया जाता हैं, जैसे – ओउम , हे राम , हे श्याम आदि ।
व्यंजन वर्ण के साथ मात्रा का प्रयोग करते हैं :
ख + अ = ख
ख + ा = खा
ख + ि = खि
ख + ी = खी
ख + ु = खु
ख + ू = खू
ख + े = खे
ख + ै = खै
ख + ो = खो
ख + ौ = खौ
ख + ं = खं
ख + ः = खः
स्वर के साथ व्यंजन “क” का मिलना | क + अ = क | क + आ= का | क + इ =कि | क + ई = की | क + उ = कु | क + ऊ = कू |
स्वर के मात्रा का मिलना | क + अ = क | क + ा = का | क + ि= कि | क + ी= की | क + ु = कु | क + ू = कू |
क + ए = के | क + ऐ = कै | क + ओ = को | क+औ = कौ | क + अं = कं | क + अ:= कः |
क + े = के | क + ै = कै | क + ो = को | क + ौ = कौ | क + ं = कं | क + ः = कः |
और ऋ के साथ मिलने पर क + ऋ = कृ होता हैं
अर्थात क + ृ = कृ, जिसमें ृ मात्रा लगा हैं ।
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