Number System in Math, What is Number System? संख्या प्रणाली क्या हैं? – संख्या प्रणाली, प्रतीकों के कई सेटों में से कोई भी और संख्याओं को निरूपित करने के लिए उनका उपयोग करने के नियम, जिनका उपयोग यह बताने के लिए किया जाता है कि दिए गए सेट में कितनी वस्तुएँ हैं। इस प्रकार, “एकता” के विचार को रोमन अंक I, ग्रीक अक्षर अल्फा α द्वारा निरूपित किया जा सकता है, जो कि अंक के रूप में प्रयोग किया जाने वाला पहला अक्षर था, हिब्रू अक्षर aleph द्वारा, जो पहला अक्षर है, जिसका उपयोग अंक के रूप में या द्वारा किया जाता है। आधुनिक संख्या 1, जो मूल में हिंदू-अरबी के अलावा कुछ भी नहीं है।
Table of Contents
Number System Definition || संख्या प्रणाली परिभाषा;
संख्या प्रणाली किसी दिए गए सेट की संख्याओं की गणितीय प्रस्तुति है।
इन अंकीय प्रणालियों का संक्षिप्त उपचार इस प्रकार है। आगे की चर्चा के लिए, आइए हम संख्या प्रणाली को समझते हैं।
बहुत संभव है कि प्राचीन मेसोपोटामिया में अंकित प्रतीक की शुरुआत प्रणाली संख्याओं के लिए प्रतीकों की एक प्रणाली थी। वर्तमान संख्या प्रणाली स्थान-मूल्य प्रणाली हैं। यही है, इन संख्याओं का मूल्य प्रतिनिधित्व में संख्याओं की स्थिति या स्थान पर निर्भर करता है; उदाहरण के लिए, ३० में ३०० और ३ में क्रमशः ३ दस और ३ सौ का प्रतिनिधित्व करता है।
प्राचीन प्रणालियों में, जैसे कि मिस्र की सभ्यता, रोमन, हिब्रू और ग्रीक नंबर सिस्टम में स्थितिगत विशेषता नहीं थी, और यह बहुत जटिल अंकगणितीय गणना थी। हालाँकि, अन्य प्रणालियाँ, जिनमें बेबीलोन भी शामिल है, चीनी और भारतीय में से प्रत्येक के साथ-साथ मायन प्रणाली के प्रत्येक संस्करण में, स्थान मान के सिद्धांत का उपयोग किया गया था।
सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली संख्या प्रणाली दशमलव स्थिति संख्या प्रणाली है, 10 संख्याओं 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 के उपयोग की बात करते हुए दशमलव सभी आवश्यक संख्याओं के निर्माण के लिए है। यह भारतीयों द्वारा की गई एक खोज थी। अन्य दो सामान्य संख्या प्रणाली हैं जो कंप्यूटर और कंप्यूटिंग विज्ञान में उपयोग की जाती हैं।
वे बाइनरी सिस्टम हैं, और इन्हें 0 और 1 और 1, और हेक्साडेसिमल सिस्टम द्वारा दर्शाया गया है, जिसमें 16 प्रतीक हैं (हम हेक्स शब्द से समझ सकते हैं जो 16 है) 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 6 7, 8, 9, ए, बी, सी, डी, ई, एफ।
आइए हम संख्या प्रणाली के तहत विभिन्न प्रभागों पर चर्चा करते हैं।
Number System in Math
संख्या पद्धति का परिभाषा एवं प्रकार | Types of Number System in Hindi
Number System definition in Hindi के माध्यम से सभी आवश्यक संख्याओं का परिभाषा एवं उदाहरण का ग्रुप यहाँ दिया गया है जो संख्याओं को समझने में सरल बनता है.
संख्या (Number):- जो वस्तु के परिमाण अथवा इकाई का अपवर्त्य अथवा प्रश्न कितने? का जवाब देता है, संख्या कहलाता है.
जैसे:- 5 किताब, 10, 15, आदि.
अंक (Digit):- किसी अंकन पद्धति में जिससे संख्या बनाया जाता है वह अंक कहलाता है. दसमलव अंकन पद्धति में दस अंकों 0, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 का प्रयोग किया जाता है.
संख्यांक (Numerals):- संख्या को निर्देशित करने वाले अंकों अथवा संकेतों के समूह को संख्यांक कहा जाता है.
प्राकृत संख्याएं Natural Numbers :-
वे संख्याएँ, जिनसे वस्तुओ की गणना की जाती है, प्राकृत संख्या कहलाती है. Or
वस्तुओं को गिनने के लिए जिन संख्याओं का प्रयोग किया जाता है, उन्हें गणन संख्याएँ या प्राकृत संख्याएँ कहते हैं.
Or
गिनती की प्रक्रिया को, प्राकृत संख्या कहा जाता है.
जैसे ;- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, . . . . ∞ (अनंत तक)
Note:-
- प्रकृत संख्याएँ धनात्मक होती है
- 1 सबसे छोटी प्रकृत संख्या है
- शून्य को प्रकृत संख्या नहीं होती है
- प्राकृत संख्या ‘N’ से प्रदर्शित किया जाता है
पूर्ण संख्याएं :- यदि प्राकृत संख्याओ में शून्य (0) को सम्मिलित कर लिया जाए, तो उन संख्याओ को पूर्ण संख्याएँ करते है. Or
प्राकृत संख्या के समूह में शून्य को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, वे ‘पूर्ण संख्याएँ’ कहलाती हैं.
जैसे- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, . . . ∞
Note:-
- पूर्ण संख्या को ‘W’ से प्रदर्शित किया जाता है
- पूर्ण संख्या शून्य से शुरू होती है
- प्रत्येक प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती अहि
पूर्णाक संख्याएं (Integers) :-
पूर्ण संख्याओ में ऋणात्मक संख्याओं को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती है उन्हें पूर्णाक संख्याएँ करते है. Or
प्राकृत संख्याओं के समूह में शून्य एवं ऋणात्मक संख्याओं को सामिल करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, वे संख्याएँ ‘पूर्णांक संख्या कहलाती हैं.
जैसे- -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, . . .
Note:-
- पूर्णांक संख्या को ‘I’ से सूचित किया जाता है
- पूर्णांक संख्या धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों होते है
- I+ = 0,1,2,3,4,5… इस प्रकार के संख्या को धनात्मक पूर्णांक तथा
- I– = -1,-2,-3,-4,-5…. एस प्रकार के संख्या को ऋणात्मक पूर्णांक संख्या कहा जाता है
- शून्य (0) न तो धनात्मक और न ही ऋणात्मक पूर्णांक संख्या है
सम संख्याएँ (Even Numbers):- वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो जाती हैं उन्हें ‘सम संख्याएँ’ कहते हैं.
जैसे 2,4,6,8,10,12….
विषम संख्याएं :- वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतया विभाजित नहीं होती है. वैसी संख्याएँ को विषम संख्या कहा जाता है.
जैसे- 1, 3, 5, 11, 17, 29, 39 ……
भाज्य संख्याएँ: वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से पूर्णतः विभाजित होती है, तो वह भाज्य संख्या कहलाती है.
जैसे- 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, ……
Note:-
- भाज्य संख्या सम एवं विषम दोनों होती है.
भाज्य संख्याएं :- वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अलावा अन्य किसी संख्या से विभक्त नहीं होती हैं, तो वह अभाज्य संख्या कहलाती हैं.
जैसे- 2, 3, 7, 11, 13, 17, 19….
Note:-
- 1 न तो अभाज्य संख्या और न ही भाज्य संख्या है.
असहभाज्य संख्याएँ (Co-Prime Numbers) :-
जब दो या दो से अधिक संख्याओं के समूह में कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखंड न हो, अथवा जिसका म.स. (HCF) 1 हो, तो वे सह-अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं. Or
ऐसी संख्याओं के युग्म (जोड़े) जिनके गुणनखण्डों में 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो, तो उन्हें सह-अभाज्य संख्या कहते हैं.
जैसे- (4,9) , (12,25) ,(8,9,13) आदि के गुणनखंड में 1 के अतिरिक्त को अन्य गुणनखंड है.
युग्म-अभाज्य संख्याएँ:- ऐसी अभाज्य संख्याएँ, जिनके बीच का अंतर 2 हो, वो युग्म-अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं.
जैसे- (11, 13), (3, 5) आदि
परिमेय संख्या (Rational Numbers):-
वह संख्या जो p/q के रूप में लिखा जा सकता है, उसे परिमेय संख्या कहते है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
अर्थात p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो.
जैसे- 4, 1.77 , 0 , 2/3 आदि
Note:-
- प्रत्येक पूर्णांक संख्या एक परिमेय संख्या होती है.
- प्रत्येक प्राकृत संख्या पूर्णांक संख्या होती है.
अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers):–
वह संख्या जिसे p/q के रूप में नहीं लिखा जा सकता है, वह अपरिमेय संख्या कहलाती है.
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं एवं q ≠ 0
जैसे – √2, 5 + √3 , √2 , 5 1/3 , π …..
Note:-
- π एक अपरिमेय संख्या होती है.
वास्तविक संख्याएं (Real Numbers):-
परिमेय तथा अपरिमेय संख्याओं के सम्मिलित रूप को, वास्तविक संख्या कहा जाता है.
जैसे:- π, ,√2,√3,21/4, 2.3 आदि
Note:-
- वास्तविक संख्या को Rez या R से सूचित किया जाता है.
काल्पनिक संख्याएँ (Imaginary Numbers):-
ऋणात्मक संख्यायों का वर्गमूल करने पर जो संख्याएं बनती हैं , वह काल्पनिक संख्या कहलाती हैं.
जैसे:- √( – 2), √ (- 5)
Note:-
- काल्पनिक संख्या को Imz से सूचित किया जाता है.
- i काल्पनिक संख्या मुख्य पहचान है.
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